आज फिर होगी मधु कोडा से पूछ-ताछ
रांची। रिम्स में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से निगरानी ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण में हुई घपलेबाजी का राज जानने के लिए पूछ-ताछ की। कोड़ा ने मामले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह न बिजली बोर्ड के और न ही किसी कंपनी के अधिकारी को पहचानते हैं। निगरानी के अनुसंधानक वरीय डीएसपी एके राय ने चार घंटे तक कोड़ा से पूछताछ की। आज फिर कोडा से पूछताछ होगी।
सूत्रों के अनुसार, कोड़ा निगरानी के सवालों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि विद्युतीकरण में अनियमितता के मामले में उनकी भूमिका नहीं है। उन्होंने कभी भी इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया। वह न तो कंपनी के अधिकारियों को जानते हैं और न ही बोर्ड के अधिकारियों को। लेन देने के मामले में भी उनका कोई लेना देना नहीं है।
कोड़ा से करीब चार घंटे तक पूछताछ होती रही। बाद में कोड़ा ने स्वास्थ्य खराब होने हवाला देकर आराम के लिए छोड़ने का अनुरोध किया। उनके अनुरोध को मानते हुए शुक्रवार तक के पूछताछ स्थगित कर दी गई। अब शनिवार को पुन: कोड़ा से पूछताछ की जाएगी। मधु कोडा से पूछ-ताछ के लिए निगरानी कोर्ट ने शुक्रवार को ही अनुसंधान को इजाजत दी थी। कोर्ट ने इसके लिए दो दिनों का ही समय दिया है। पहले भी गत चार जनवरी को कोर्ट ने पूछताछ के लिए अनुमति दी थी। कोर्ट ने जेल में पूछताछ करने को कहा था लेकिन पूछताछ के पहले ही कोड़ा रिम्स में भर्ती हो गए थे। इसकी वजह से पूछताछ नहीं हो सकी थी।
गौरतलब है कि चार जिलों लातेहार, गुमला, लोहरदगा व गढ़वा में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के तहत बिजली पहुंचाने का ठेका आईआरवीसीएल कंपनी को सौंपा गया था। आयकर विभाग ने कोड़ा व करीबियों के सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी।
कंपनी के एक अधिकारी से भी आयकर ने पूछताछ की। अधिकारी ने बीस करोड़ लेन-देन की जानकारी दी थी। यह रिपोर्ट आयकर ने मुख्य सचिव को सौंपी थी। इसी आधार पर 28 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।